छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग
छत्तीसगढ़ के शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों की स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रदेश के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत ( शासन द्वारा प्रवेश नियमों में जो संशोधन किया जायेगा वह लागू होगा)
सत्र 2022-23
1. प्रयुक्ति:
1.1 यह मार्गदर्शक सिद्धांत छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय / अशासकीय महाविद्यालयों में छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम – 1973 के तहत अध्यादेश क्रमांक 6 एवं 7 के प्रावधान के साथ सहपठित करते हुए लागू होंगे तथा समस्त प्राचार्य इनका पालन सुनिश्चित करेंगे।
1.2 प्रवेश के नियमों को शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालयों को कड़ाई से पालन करना होगा। प्रवेश से आशय स्नातक कक्षा के प्रथम वर्ष अथवा प्रथम सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर कक्षा के प्रथम सेमेस्टर से है।
2. प्रवेश की तिथि :-
2.1 प्रवेश हेतु आवेदन पत्र जमा करना:
इस वर्ष महाविद्यालय स्टार पर प्रवेश हेतु “ऑनलाइन” फॉर्म जमा कराया जावेगा। जिन महाविद्यालयों के लिए जितने फॉर्म जमा होंगे, उसे उस महाविद्यालय को प्रेषित किये जायेंगे। ऑनलाइन से प्राप्त आवेदनों में से प्राचार्य,शासन से प्राप्त प्रवेश मार्गदर्शिका सिद्धांत के नियमो के आधार पर प्रवेश प्रदान करेंगे।
(अ) अपरिहार्य कारणों से यदि “आनलाईन” आवेदन जमा करना हो तो आवेदक द्वारा महाविद्यालय में प्रवेश के लिए प्राचार्य द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र समस्त प्रमाण पत्रों सहित निर्धारित दिनांक तक महाविद्यालय में जमा किये जायेंगे।
(ब) प्रवेश हेतु बोर्ड / विश्वविद्यालय द्वारा अंकसूची प्रदान न किये जाने की स्थिति में पूर्व संस्था के संबंधित प्राचार्य द्वारा प्रमाणित किये जाने पर बिना अंकसूची के आवेदन पत्र जमा किये जा सकेंगे।
2.2 प्रवेश हेतु अंतिम तिथि निर्धारित करना:-
स्थानांतरण प्रकरण को छोड़कर 01 अगस्त से 31 अगस्त तक प्राचार्य स्वयं तथा 15 सितंबर तक कुलपति की अनुमति से प्राचार्य प्रवेश देने में सक्षम होंगे। (स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश की तिथि 01 अगस्त से तथा अन्य कक्षाओं हेतु परीक्षा परिणाम घोषित होने के 15 दिवस के भीतर) शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया की जावेगी। परीक्षा परिणाम विलम्ब से घोषित होने की स्थिति में प्रवेश की अंतिम तिथि महाविद्यालय में परीक्षा परिणाम प्राप्त होने की तिथि से 10 दिन तक युवा विश्वविद्यालय/ बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणाम प्राप्त होने की तिथ से 10 दिन तक अथवा विश्वविद्यालय/ बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 125 दिन तक जो भी पहले हो मान्य होगी। कंडिका 5.1 (क) में उल्लेखित कर्मचारियों के स्थानांतरित होने पर प्रवेश की अंतिम तिथि के बाद प्रवेश चाहने वाले उनके पुत्र-पुत्रियों को स्थान रिक्त होने पर ही सत्र के दौरान प्रवेश दिया जाये किन्तु इसके लिए कर्मचारी द्वारा कार्यभार ग्रहण करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना एवं आवेदक का प्रवेश हेतु निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व अन्य महाविद्यालय में प्रवेश होने की स्थिति में ही प्रवेश दिया जायेगा।
स्पष्टीकरण :
आवेदक करने किसी अन्यत्र स्थान (अ) के महाविद्यालय में नियमानुसार किसी कक्षा में प्रवेश लिया था। उसके बाद उसके पालक का स्थानांतरण स्थान “ब” में हो गया इस स्थान (ब) के किसी महाविद्यालय में अब वह प्रवेश लेना चाहता है, रिक्त स्थान होने पर ही उसे प्रवेश दिया जायेगा। आवेदक ‘ख” ने स्थान (अ) में जहां उसके पालक कार्यरत थे, किसी भी महाविद्यालय में प्रवेश नहीं लिया किन्तु पालक के स्थान (ब) पर स्थानांतरण होते ही स्थान (ब) के किसी महाविद्यालय में प्रवेश लेना चाहता है अत: अब प्रवेश के लिए निर्धारित अंतिम तिथि निकल जाने के बाद आवेदक (ख को प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
2. 3 पुनर्मूल्यांकन / पुनर्गणना में उत्तीर्ण छात्रों के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि निर्धारित करना :
विधि संकाय के अतिरिक्त अन्य संकायों के पुनर्मूल्यांकन / पुनर्गणना में उत्तीर्ण दोनों को पुनर्मूल्यांकन/पुनर्गणना के परिणाम घोषित होने के 15 दिन तक संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति की अनुमति के पश्चात् गुणानुक्रम में आने पर प्रवेश की पात्रता होगी। किन्तु विधि संकाय की कक्षाओं में गुणानुक्रम के आधार पर प्रवेशे की पात्रता होने पर भी महाविद्यालय में स्थान रिक्त होने पर ही प्रवेश दिया • जायेगा। 12वीं कक्षा में पुनर्ममूल्यांकन / पुनर्गणना में उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को भी स्थान रिक्त होने पर नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
3. प्रवेश संख्या का निर्धारण:
3.1. महाविद्यालयों में उपलब्ध साधनों तथा कक्षा में बैठने की व्यवस्था, प्रयोगशाला में उपलब्ध उपकरण / उपयोग योग्य सामाग्री एवं स्टापा की उपलब्धता आदि के आधार पर स्वीकृत छात्र संख्या (शीट) अन्तर्गत ही विभिन्न कक्षाओं के लिए छात्रों को प्रवेश दिया जायेगा। यदि प्राचार्य महाविद्यालय में प्रवेश हेतु छात्र संख्या में सीट की वृद्धि चाहते हैं तो वे 30 अप्रैल तक अपना प्रस्ताव उच्च शिक्षा संचालनालय को प्रेषित करें तथा उच्च शिक्षा संचालनालय / उच्च शिक्षा विभाग से अनुमति प्राप्त होने पर बढ़े हुए स्थान के अनुसार प्रवेश की कार्यवाही करें। 3.2 विधि स्थानतक प्रथम, द्वितीय, तृतीय वर्ष एवं पंचवर्षीय पाठ्यक्रम बी. ए. एल. एल. बी. की कक्षाओं में बार कौंसिल द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अधिकतम 80 विद्यार्थियों को ही प्रति सेक्शन (अधिकतक 4 सेक्शन) प्रवेश गुणानुक्रम के आधार पर दिया जाये।
3.3 सम्बद्ध विश्वविद्यालय/स्वशासी महाविद्यालय द्वारा प्रत्येक कक्षा के लिए अध्यापन के विषय / विषय समूह का निर्धारित किया गया है। प्राचार्य अपने महाविद्यालयों में उन्हीं निर्धारित विषय / विषय समूह में निर्धाति प्रवेश संख्या के अनुसार ही प्रत्येक कक्षा में आवेदकों को प्रवेश देंगे।
4 प्रवेश सूची :
4.1 प्राचार्य द्वारा प्रवेश शुल्क जमा करने की निर्धारित अंतिम तिथि की सूचना देते हुए, प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों की अहंकारी परीक्षा में प्राप्तकों का एवं जहां अधिभार देय है, वहां अधिभार देकर कुल प्राप्ताकों की गुणानुक्रम सूची, प्रतिशत अंक सूहित, सूचना पटल पर लगाई जायेगी।
4.2 प्रवेश समिति द्वारा आवश्यक संलग्न प्रमाण पत्रों की प्रतियों को मूल प्रमाण पत्रों से मिलान कर प्रमाणित किये जाने एवं स्थानांतरण प्रमाण-पत्र की मूलप्रति जमा करने के पश्चात् ही प्रवेश शुल्क जमा करने की अनुमति दी जायेगी। प्रवेश देने के तत्काल बाद स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर प्रवेश दिया गया की मोहर लगाकर उसे रद्द करना चाहिये।
4.3 निर्धारित शुल्क जमा करने पर ही महाविद्यालय में प्रवेश मान्य होगा। प्रवेश के पश्चात् स्थानांतरण प्रमाण पत्र की मूलप्रति को निरस्त की सील लगाकर अनिवार्य रूप से निरस्त कर दिया जाये।
4.4 घोषित प्रवेश सूची की शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि के बाद स्थान रिक्त होने पर सभी कक्षाओं में नियमानुसार प्रवेश हेतु विलम्ब शुल्क रूपये 100/- आशासकीय मद में अतिरिक्त रूप से वसूला जायेगा तथापित ऐसे प्रकरणों में 15 सितम्बर के पश्चात् प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी।
4.5 स्थानांतरण प्रमाण-पत्र की द्वितीय प्रति (डुप्लीकेट) के आधार पर प्रवेश नहीं दिया जाये। स्थानांतरण प्रमाण-पत्र खो जाने की स्थिति में, विद्यार्थी द्वारा निकटस्थ पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज किया जाये पुलिस थाने की रिपोर्ट एवं पूर्व प्रवेश प्रापत संस्था से अधिकृत रिपोर्ट जिसमें मूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र का अनुक्रमांक एवं दिनांक का उल्लेख हो, प्राप्त होने की स्थिति में ही प्रवेश दिया जा सकता है। इस हेतु विद्यार्थी से वचन पत्र लिया जाये।
4.6 महाविद्यालय के प्राचार्य स्थानांतरण प्रमाण-पत्र जारी करने के साथ- य छात्र से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट जारी करेंगे कि संबंधित छात्र रैगिंग / अनुशासनहीनता /तोड़फोड़ आदि में संलिप्त है या नहीं। ऐसे गोपनीय रिपोर्ट को सीलबन्द लिफाफे में बन्द कर उस महाविद्यालय के प्राचार्य को प्रेषित करेंगे महां कि छात्र / छात्रा ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है।
4.7 राज्य शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत् स्नातक/ स्थातकोत्तर स्तर की छात्राओं को शिक्षण शुल्क से छूट प्रदान की गई है। अतः उक्त दिनेशों का पालन किया जाए।
5. प्रवेश की पात्रता:
5.1 (क) छत्तीसगढ़ के मूल / स्थायी छत्तीसगढ़ में स्थायी संपत्तिधारी निवासी / राज्य या केन्द्र सरकार के शासकीय कर्मचारी, अर्धशासकीय कर्मचारी तथा प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी, राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा भारत सरकार द्वारा संचालित व्यवसायिक संगठनों के कर्मचारी जिनका पदांकन छत्तीसगढ़ में है, उनके पुत्र / पुत्रियों एवं जम्मू काश्मीर के विस्थापितों तथा उनके आश्रितों को ही शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश दिया जायेगा। उपरोक्तानुसार प्रवेश देने के पश्चात् भी स्थान रिक्त होने पर अन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त बोर्ड एवं अहंकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को नियमानुसार गुणानुकम के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है।
(ख) सम्बद्ध विश्वविद्यालय से या सम्बद्ध विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/बोर्ड से अहंकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को ही महाविद्यालय में प्रवेश की पात्रता होगी।
(ग) आवश्यकतानुसार संबंधित विश्वविद्यालय में पात्रता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की पश्चात् ही आवेदक को प्रवेश प्रदान किया जाए।
5.2 स्थानांतक स्तर नियमित प्रवेश:
(क) 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को स्नातक प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। किन्तु वाणिज्य और कला संकाय के आवेदकों को विज्ञान संकाय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। बी. एस. सी. (गृह विज्ञान) प्रथम वर्ष में किसी भी संकाय से उत्तीर्ण छात्रा को प्रवेश की पात्रता होगी। व्यवसायिक पाठ्यक्रम से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को केवल कला संकाय में प्रवेश की पात्रता होगी। परंतु यदि अभ्यार्थी ने वाणिज्य संकाय के विषयों से अध्ययन किया हो तो उसे वाणिज्य संकाय में प्रवेश की पात्रता होगा। इसी प्रकार 10+2 परीक्षा कृषि संकाय से उत्तीर्ण आवेदकों को विज्ञान संकाय अथवा बी. एस. सी. (बायो / गणित समूह) प्रथम वर्ष में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
(ख) स्नातक स्तर पर प्रथम/द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को उन्हीं विषयों की क्रमशः द्वितीय/तृतीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। स्नातक द्वितीय स्तर पर विषय परिवर्तन की पात्रता नहीं होगी।
5.3 स्नातकोत्तर स्तर नियमित प्रवेश:
(क) बी.कॉम / बी. एस. सी. (गृह विज्ञान) / बी.ए. स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को क्रमशः एम.कॉम / एम.एस.सी. (गृह विज्ञान) एम.ए प्रथम सेमेस्टर एवं अहंकारी विषय लेकर बी.एस.सी. उत्तीर्ण आवेदकों को एम.एस.सी./एम.ए. प्रथम सेमेस्टर में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। एम. ए. प्रथम सेमेस्टर / पूर्व-भूगोल में उन्हें विद्यार्थियों को प्रवेश की पात्रता होगी जिन्होंने स्नातक स्तर पर भूगोल विषय का अध्ययन किया हो। उपरोक्त के अतिरिक्त अर्हता के संबंध में संकाय की स्थिति में संबंधित विश्वविद्यालय के संबंधित अध्यादेश में उल्लेखित प्रावधान / अर्हता ही बंधनकारी होंगे।
(ख) स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष उत्तीर्ण आवेदकों को उसी विषय के स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। सेमेस्टर पद्धति की, पूर्व अहंकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को अगले समेमेस्टर में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
(ग) स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु ए.टी.के.टी. (Allowed To Keep Terms) नियम
1. स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रवधिक प्रवेश की पात्रता रखने वाले आवेदकों को प्रवेश के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व प्रावधिक प्रवेश लेना अनिवार्य है। 2. स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर में ए. टी. के. टी. (Allowed To Keep Terms) नियमों के अनुसार पात्र आवेदकों को अगले सेमेस्टर में प्रावधिक प्रवेश की पात्रता होगी। विधि संकाय नियमित प्रवेश :
(क) स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को विधि स्नातक प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
(ख) विधि स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को एल. सी. एम. प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
(ग) एल. एल. बी. प्रथम सेमेस्टर एवं एल. एल. एम. प्रथम सेमेस्टर परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को क्रमशः एल. एल. बी. द्वितीय सेमेस्टर एवं एल. एल. एम. द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश की पात्रता होगी। इसी प्रकार तृतीय, चतुर्थ, पंचम सेमेस्टर में भी प्रवेश की यही प्रक्रिया लागू होगा।
5.5 प्रवेश हेतु अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम अंक सीमा :
(क) विधि स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु न्यूनतम अंक सीमा 45% (अनुसूचित जनजाति / अनुसूचित जाति हेतु 40% अन्य पिछड़ा वर्ग 42% होगी तथा विधि स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध में 55% अंक (अनसूचित जनजाति / अनूसूचित जाति/ ओ.बी.सी. हेतु 50% ) प्राप्त आवेदकों को नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
5.6 AICTE /BAR COUNCIL OF INDIA/MEDICAL COUNCIL OF INDIA से अनुमोदित पाठ्यक्रमों में प्रवेश / संचालिन पर संबंधित संस्था के प्रावधान प्रभावी होंगे।
6 समकक्ष परीक्षा:
6.1 सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) इंडियन कौंसिल फार सेकेण्डरी एजुकेशन (आई.सी.एस.ई.) तथा अन्य राज्यों के विद्यालयों/इंटरमीडिएट बोर्ड की 10+2 की परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 10+2 परीक्षा को समकक्ष मान्य है। प्राचार्य, मान्य बोर्ड की सूची सम्बद्ध विश्वविद्यालयों से प्राप्त कर सकते है।
6.2 सामान्यतः भारत में स्थित विश्वविद्यालयों जो भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी) के सदस्य है, उनकी समस्त परीक्षाएं छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय की परीक्षा के समकक्ष मान्य है। ऐसे विश्वविद्यालय (IGNOU को छोड़कर) जो दूरवर्ती पाठ्यक्रम संचालित करते है, किंतु राज्य शासन से अनुमति प्राप्त नहीं है, की परीक्षाएं मान्य नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर के किसी भी विश्वविद्यालय अथवा शैक्षणिक संस्था को छत्तीसगढ़ राज्य में अध्ययन केन्द्र/ऑफ कैम्पस आदि खोलकर छात्र छात्राओं को प्रवेश देने / डिग्री देने की मान्यता नहीं है तथा ऐसे संस्थाओं से डिग्री / डिप्लोमा वैधानिक रूप से मान्य नहीं होगा।
6.3 सम्बद्ध विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का शिक्षण संस्थाओं की सूची ए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समय – समय पर जारी फर्जी अथवा मान्यता विहीन विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थाओं, जिनकी उपाधि मान्य नहीं है, की जानकारी प्राचार्य संबंध विश्वविद्यालय से प्राप्त करें।
6. 4 वर्ष 2012 में प्रारंभ किए गए एनवीईक्यूएफ (National Vocational Educational Qualification Framework) के अंतर्गत उत्तीर्ण आवेदकों को विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में स्नातक के पाठ्यक्रमों में दाखिलों के लिए अन्य सामान्य विषयों की तुलना में समतुल्य प्राथमिकता प्रदान की जावे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1-52/2013 (सीसी/एनएसम्यूएफ) अप्रैल 2014 के अनुसार : “जैसा कि आपको ज्ञात है आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय कौशल अर्हता संरचना (एनएसक्यूएफ) में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय व्यवसायिक शैक्षिक अर्हता संरचना (एनएसक्यूएफ) में सूत्रबद्ध किये गये समस्त महत्वपूर्ण तथ्यों को नियमित किया गया है। जैसा कि एनएसक्यूएफ में अधिसूचित किया गया है कि यह 1 से 10 स्तर तक के प्रमाण पत्र उपलब्ध कराता है जिनमें स्तर 5 से स्तर 10 तक के प्रमाण पत्र उच्च शिक्षा से एवं स्तर 1 से स्तर 4 तक के प्रमाण पत्र ? स्कूली शिक्षा के क्षेत्र से सम्बद्ध है। वर्ष 2012 में प्रारम्भ किये गये एनबीईक्यूएफ के अनुसरण में कुछ स्कूल बोडों द्वारा छात्रों को पाठ्यक्रम प्रस्तावित किये गये और एनवीईक्यूएफ के अंतर्गत छात्रों को समतुल्य / समस्तरीय प्रमाण पत्र प्रदान किये जा रहे हैं। ऐसे छात्र, एनएसक्यूएफ के स्तर 4 के प्रमाणित स्तर सहित 10+2 शिक्षा को वर्ष 2014 तक सफल कर पायेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रलाय, भारत सरकार ने आशंका जताई है कि ऐसे छात्र जो विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में स्नातक पूर्व किसी भी पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के इच्छुक हैं तथा जिनके पास +2 स्तर में व्यावसिायक विषय थे वे अलाभकारी स्थिति में होंगे। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि जिस समय छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में अन्य किसी भी स्नातक पूर्व पाठ्यक्रमों में दाखिलों के लिए प्रयास किये जा रहे हों तो उस समय ऐसे विषयों को अन्य सामान्य विषयों की तुलना में समतुलय प्राथमिकता प्रदान की जाये ताकि उन छात्रों को क्षैतिजिक गत्यात्मकता के लिए सुअवसर मिल सकें। “
7. बाह्य आवेदकों का प्रवेश :
7.1 स्नातक स्तर तक बी.ए./बी.कॉम / बी.एस.सी./ बी.एच.एस.सी. में एकीकृत पाठ्यक्रम लागू होने के छत्तीसगढ़ के किसी भी विश्वविद्यालय / स्वशासी महाविद्यालय से प्रथम/द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को क्रमशः द्वितीय/तृतीय वर्ष में प्रवेश की पात्रता है किन्तु सम्बद्ध विश्वविद्यालय / स्वशायी महाविद्यालय में पढाये जा रहे विषयों/ विषय समूहों में आवेदकों ने पिछली परीक्षा दी हो इसका परीक्षण करने के पश्चात् ही नियमित प्रवेश दिया जावे। आवश्यक हो तो विश्वविद्यालय से पात्रता प्रमाण-पत्र अवश्य लिया जाये।
7.2 राज्य के बाहर के विद्यार्थियों को निर्धारित प्रारूप में एक शपथ पत्र देना होगा किसी भी प्रकार की झूठी / गलत जानकारी पाए जाने पर संबंधित विद्यार्थी का प्रवेश निरस्त करते हुए उसे प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा। अन्य राज्य के आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का प्रमाणीकरण संबंधित बोर्ड / विश्वविद्यालय कराया जाना अनिवार्य है।
7.3 विज्ञान एवं अन्य प्रायोगिक विषयों में स्वाध्यायी आवेदकों को स्थान रिक्त होने पर तथा महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों को 30 नवंबर तक, निर्धारित शुल्क लेकर मात्र प्रायोगिक कार्य करने की अनुमति प्राचार्य द्वारा दी जा सकती है।
8. अस्थायी प्रवेश की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश हेतु निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व अस्थायी प्रवेश लेना अनिवार्य होगा
8.1 स्नातक स्तर की प्रथम/द्वितीय वर्ष की परीक्षा में पूरक परीक्षा (कम्पार्टमेंट) प्राप्त नियमित आवेदकों को अगली कक्षा में स्थान रिक्त होने पर अस्थायी प्रवेश की पात्रता होगी।
8.2 स्नातकोत्तर सेमेस्टर प्रथम/द्वितीय/तृतीय में पूरक / एटी-केटी प्राप्ता आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश की पात्रता होगी।
8.3 विधि स्नातक त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम एल.एल.बी. के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में निर्धारित एग्रीमेंट 48 प्रतिशत पूरा न करने वाले या पूरक प्राप्त आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश की पात्रता होगी।
8.4 उपरोक्त कंडिका 7 के खण्ड 1 एवं 2 के आवेदकों को अस्थायी प्रदेश की पात्रता नहीं होगी।
8.5 पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर अस्थायी प्रवेश प्राप्त छात्र/छात्राओं को अस्थायी प्रवेश स्वतः निरस्त हो जायेगा। उत्तीर्ण होने पर अस्थायी प्रवेश नियमित प्रवेश के रूप में मान्य किया जावेगा।
9. प्रवेश हेतु अर्हताएं:
9.1 किसी भी महाविद्यालय / विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के किसी संकाय में प्रवेश प्राप्त छात्र/ छात्रओं को उसी संकाय की उसी कक्षा में आगामी वर्ष / वर्षों में पुनः नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। यदि किसी छात्र के पूर्व सत्र में आवेदिक कक्षा में नियमित प्रवेश नहीं लिया हो तो ऐसा आवेदक नियमित प्रवेश हेतु अनर्ह नहीं माना जावेगा, उसे मात्र मूल स्थानांतरण प्रमाण-पत्र तथा शपथ पत्र जिससे प्रमाणित हो कि पूर्व में उसने प्रवेश नहीं लिया है के आधार पर ही नियमानुसार प्रवेश दिया जावेगा।
9.2 जिनके विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया हो या न्यायालय अपराणिक प्रकरण चल रहे हो, परीक्षा में या पूर्व सत्र में छात्रों/ अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ दुर्व्यहार / मारपीट करने के गंभीर आरापे हो/ चेतावनी के बाद भी सुधार परिलक्षित नहीं हुआ हो ऐसे छात्र/छात्राओं को प्रवेश नहीं देने के लिए प्राचार्य अधिकृत है।
9.3 महाविद्यालय में तोड़फोड़ करने और महाविद्यालय की संपत्ति को नश्ट करने वाले/ रैगिंग के आरोपी छात्र / छात्रओं का प्रवेश निरस्त करने / प्रवेश न देने के लिए प्राचार्य अधिकृत है। प्राचार्य इस हेतु समिति गठित कर जाँच करवायें एवं जॉच रिपोर्ट के आधार पर प्रवेश निरस्त किया जाये। ऐसे छात्र-छात्राओं को छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी शासकीय / अशासकीय महाविद्यालय में प्रवेश न दिया जाये।
9.4 प्रवेश हेतु आयु सीमा:
(क) स्नातक प्रथम वर्ष में 22 वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में 27 वर्ष से अधिक आयु के आवेदकों को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। आयु की गणना आवेदित वर्ष के एक जुलाई की स्थिति में की जायेगी। डिप्लोमा एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमा में प्रवेश हेतु निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष मान्य की जाएगी।
(ख) आयु सीमा का बंधन किसी भी राज्य सरकार / भारत सरकार के मंत्रालय/कार्यालय तथा उनके द्वारा नियंत्रित संस्थाओं द्वारा प्रायोजित व अनुशंसित प्रत्याशियों भारत सरकार द्वारा आयोजित अथवा किसी विदेश सरकार द्वारा अनुशंसित विदेश से अध्ययन हेतु भेजे गये छात्रों पर लागू नहीं होगा।
(ग) विधि संकाय में प्रवेश हेतु अधिकतम आयु सीमा का प्रावधान समाप्त किया जाता है।
(घ) संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश हेतु स्नातक प्रथम वर्ष में 25 वर्ष तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में 27 वर्ष से अधिक आयु वाले आवेदको को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
(ड) विधि संकाय को छोड़कर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पिछड़ा वर्ग / महिला आवेदकों के लिए आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट रहेगी। निःशक्त अभ्यर्थी/ आवेदकों के लिए आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट रहेगी।
9.5 पूर्णकालिक शासकीय / अशासकीय सेवारत कर्मचारी की उसकी दैनिक कार्य की अवधि में लगने वाले महाविद्यालय में नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। दैनिक कर्तव्य अवधि के उपरांत लगने वाले महाविद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन करने पर आवेदक द्वारा नियोक्ता का अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश दिया जायेगा।
9.6 किसी संकाय में स्नातक उपाधि प्राप्त छात्र/छात्राओं को किसी अन्य संकायों के स्नातक पाठ्यक्रम में नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
10. प्रवेश हेतु गुणानुक्रम का निर्धारण:
10.1 उपलब्ध स्थानों से अधिक आवेदक होने पर प्रवेश निम्नानुसार गुणानुक्रम से किया जायेगा।
(क) स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश हेतु अहंकारी परीक्षा के प्राप्तांक एवं अधिभार देय है, तो अधिभार जोडकर प्राप्त कुल प्रतिशत अंकों के आधार पर तथा
(ख) विधि स्नातक प्रथम वर्ष में सम्बद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा का प्रावधान हो तो विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार होगी।
10.2 अनारक्षित एवं आरक्षित श्रेणी के लिये अलग-अलग गुणानुक्रम सूची तैयार की जावेगी।
11. प्रवेश हेतु प्राथमिकता :
11.1 स्नातक / स्नातकोत्तर / विधि कक्षाओं में प्राथमिकता का आधार, अहंकारी परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर प्रावीण्य सूची तैयार की जावेगी।
11.2 स्नातक / स्नातकोत्तर अगली कक्षाओं में प्राथमिकता का आधार अर्हकारी परीक्षा में उत्तीर्ण नियमित / उत्तीर्ण भूतपूर्व नियमित/ एक विषय में पूरक प्राप्त पूर्व सत्र के नियमित / स्वाध्यायी विद्यार्थियों के क्रम में होगा।
11.3 विधि संकाय की अगनी कक्षाओं में पूरक छात्रों के पहले उत्तीर्ण, परंतु 48 एग्रीगेट प्राप्त करने वाले छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जावे, अन्य क्रम यथावत रहेगा।
11.4 स्नातक स्तर के त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए प्रदेश के किसी भी महाविद्यालय में प्रदेश के अन्य स्थानों / तहसीलों / जिलों के निवासरत अथवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले आवेदक विद्यार्थीयों को भी गुणानुक्रम से प्रवेश दिया जाए।
11.5 किसी एक विषय की स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी को अन्य विषय की स्नातकोत्तर कक्षा में प्रवेश महाविद्यालय में स्थान रिक्त रहने की स्थिति में ही दिया जा सकेगा।
12. आरक्षण- छत्तीसगढ़ शासन की आरक्षण नीति के अनुरूप निम्नानुसार होगा :
12. 1 प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में प्रवेश में सीटो का आरक्षण तथा किसी शैक्षणिक संस्था में इसका विस्तार निम्नलिखित रीति से होगा, अर्थात्
(क) अध्ययन वा संकाय की प्रत्येक शाखा में वार्षिक अनुशार संख्या मेंसे 32% सीटे अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित रहेंगी।
(ख) अध्ययन या संकाय की प्रत्येक शाखा में वार्षिक अनुशप्त संख्या में से 12% सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित रहेगी।
(ग) अध्ययन या संकाय की प्रत्येक शाखा में वार्षिक अनुज्ञप्त संख्या में से 14% सीटे अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित रहेगी। परन्तु जहाँ अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटें पात्र विद्यार्थियों की अनुपलब्धता के कारण अंतिम तिथियों पर रिक्त रह जाती है तो इसे अनुसूतिच जातियों से तथा विपरीत क्रम में पात्र विद्यार्थियों में से भरा जाएगा। परन्तु यह और कि पूर्वगामी परंतुक में निर्दिष्ट व्यवस्था के पश्चात् भी जहाँ खण्ड (क) (ख) तथा (ग) के अधीन आरक्षित सीटें अंतिम तिथियों पर रिक्त रह जाती है, तो इसे अन्य पात्र विद्यार्थियों से भरा जाएगा।
12.2 (1) बन्दुक्र 12.1 के खण्ड (क) (ख) तथा (ग) के अधीन उपलब्ध सीटों का आरक्षण उर्ध्वाधर रूप से अवधारित किया जाएगा।
(2) निःशक्त व्यक्तियों, महिलाओं, भूतपूर्व कार्मिको/ भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बच्चों या व्यक्तिओं के अन्य विशेष वर्गों के संबंध में क्षैतिज आरक्षण का प्रतिशत ऐसा होगा, जैसा कि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अधिसूचित उर्ध्वाधर आरक्षण के भीतर होगा।
12.3 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुत्र-पत्रियो पात्र पौत्रियों और नाती / नातिन के लिए 3 प्रतिशत् स्थान आरक्षित रहेगे। निशक्त श्रेणी के आवेदकों के लिए 5 प्रतिशत स्थान आरक्षित रहेगे।
12.4 सभी वर्गों मे उपलब्ध स्थानों में से 30 प्रतिशत स्थान छात्राओं के लिए आरक्षित होंगे
12.5 आरक्षित श्रेणी का कोई उम्मीदवार अधिक अंक पाने के कारण अनारक्षित श्रेणी ओपन काम्पीटीशन मे नियमानुसार मेरिट सूची मे रखा जाता है तो आरक्षित श्रेणी की सीटे यथावत् अप्रभावित रहेगी परन्तु यदि ऐसा विद्यार्थी किसी सवर्ग जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि का भी है तो संवर्ग की यह सीट उस आरक्षित श्रेणी मे भरी मानी जावेगी।
12.6 आरक्षित स्थान का प्रतिशत् 1/2 से कम आता है तो आरक्षित स्थान उपलब्ध नही होगा 1/2 प्रतिशत एवं एक प्रतिशत के बीच आने पर आरक्षित स्थान की संख्या एक होगी।
12.7 जम्मू-कश्मीर विस्थापितो तथा आश्रितो को 5 प्रतिशत तक सीट वृद्धि कर प्रवेश दिया जाए तथा न्यूनतम अंक मे 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी।
12.8 समय-समय पर शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमो का पालन किया जाये।
12.9 कंडिका 12.1 मे दर्शाई गई आरक्षण के प्रावधान माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय के अध्यधीन रहेगा।
12.10 तृतीय लिंग के व्यक्तियों को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इस संबंध मे प्रकरण क्रमाक डब्ल्यू.पी (सी) 400/2012 नेशनल लीगल सर्विसेस अथॉरिटी विरूद्र भारत सरकार एवं अन्य मे पारित निर्णय दिनांक 15.04.2014 की कंडिका 129 (3) मे यह निर्देश दिया गया है कि We direct the centre and the State Government to take steps to treat them as socially and educationally backward classes of citizens and exitend all kinds of reservation in cases of admission in educational institutions and for public appointments: कडाई से पालन किया जाए।
13 अधिभार :
अधिभार मात्र गुणानुक्रम निर्धारण के लिये ही प्रदान किया जायेगा पात्रता प्राप्ति हेतु इसका उपयोग नहीं किया जायेगा। अहंकारी परीक्षा के प्राप्ताका के प्रतिशत पर ही अधिभार देय होगा अधिभार हेतु समस्त प्रमाण-पत्र प्रवेश आवेदन-पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। आवेदन पत्र जमा करने के पश्चात् बाद मे लाये जाने/ जमा किये जाने वाले प्रमाण-पत्रो पर अधिभार ही देय होगा।
13.1 एन. सी. सी. / एन.एस. एय / स्काउट्स स्काउट्स शब्द को स्काउट्स / गाईड्स / रेन्जर्स / रोवर्स के अर्थ में पढ़ जावे।
(क) एन एस एस / एन सी सी “ए’ सर्टिफिकेट 02 प्रतिशत
(ख) एन एस एस / एन सी सी “बी” सर्टिफिकेट 03 प्रतिशत
या द्वितीय सोपान उत्तीर्ण स्काउट्स
(ग) “सी” सर्टिफिकेट या तृतीय सापान उत्तीर्ण स्काउट्स 04 प्रतिशत
(घ) राज्य स्तरीय संचालनालयीन एन.सी.सी. प्रतियोगिता 04 प्रतिशत
मे ग्रुप का प्रतिनिधितत्व करने वाले छात्रों का
(च) नई दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में छत्तीसगढ़ के 05 प्रतिशत
एन. सी. सी. / एन. एस. एस. कटिन्जेन्स में भाग
लेने वाले विद्यार्थी को
(छ) राज्यपाल स्काउट्स 05 प्रतिशत
(ज) राष्ट्रपति स्काउट्स 10 प्रतिशत
(झ) छत्तीसगढ़ का सर्वश्रेष्ठ एन. सी. सी. केडेट 10 प्रतिशत
(य) ड्यूक ऑफ एडिनवर्ग अवार्ड प्राप्त एन.सी.सी. केडेट 10 प्रतिशत
(र) भारत एवं अन्य राष्ट्रो के मध्य यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम 15 प्रतिशत
मे भाग लेने वाले कैडेट’ एन.सी.सी/ एन.एस.एस.
के लिए चयनित एवं प्रवास करने वाले कैडेट को
अन्तर्राष्ट्रीय जम्बूरी के लिये चयनित होने वाले
विद्यार्थियों को
13.2 आनर्स विषय पाठ्यक्रम मे उत्तीर्ण विद्यार्थी को स्नातकोत्तर 10 प्रतिशत
कक्षा मे उसी विषय मे प्रवेश लेने पर
13.3 खेलकूद / साहित्यिक / सास्कृतिक / क्विज / रूपांकन प्रतियोगिताए:-
(1) लोक शिक्षण संचालनालय अथवा छत्तीसगढ उच्च शिक्षा विभाग
द्वारा आयोजित अंतर जिला सभाग स्तर अथवा केन्द्रीय विद्यालय
संगठन द्वारा आयोजित अंतर संभाग / क्षेत्र स्तर प्रतियोगिता मे :
(क) प्रथम द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को 02 प्रतिशत
(ख) व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उपर्युक्त स्थान प्राप्त करने वाले को 04 प्रतिशत
(2) उपर्युक्त कंडिका 13.3 (1) में उल्लेखित विभाग / संचालनालय द्वारा आयोजित अर्न्तसंभाग राज्य स्तर अथवा केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित अर्न्तक्षेत्रीय, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अथवा भरतीय विश्वविद्यालय संघ ए.आई. यू. द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में अथवा संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वरा आयोजित क्षेत्रीय प्रतियोगिता में :-
(क) प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को 06 प्रतिशत
(ख) व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उप्युक्य स्थान प्राप्त करने वाले को 06 प्रतिशत
(ग) संभाग/क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतियोगी को 05 प्रतिशत
(3) भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजित संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ में:
(क) प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को 15 प्रतिशत
(ख) व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उप्युक्य स्थान प्राप्त करने वाले को 12 प्रतिशत
(ग) संभाग/क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतियोगी को 10 प्रतिशत
(4) भारत एवं अन्य राष्ट्रो के मध्य यूथ अथवा साईन्स एवं कल्चरल 10 प्रतिशत
एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत् विज्ञान / सांस्कृतिक / साहित्यिक / कला
क्षेत्र में चयनित एवं प्रवास करने वाले दल के सदस्यों को
13.5 छत्तीसगढ़ शासन / म.प्र. से मान्यता प्राप्त खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में :
(क) छत्तीसगढ़ / म.प्र. का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम के 10 प्रतिशत
सदस्य को
(ख) प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की 12 प्रतिशत
टीम के सदस्यों को
13.6 जम्मू-कश्मीर के विस्थापितो तथा उनके आश्रितों को 01 प्रतिशत
13.7 विशेष प्रोत्साहन :
छत्तीसगढ़ राज्य एवं महाविद्यालय के हित में एन. सी. सी. / खेलकूद को प्रोत्साहन देने के लिए एन. सी. सी. के. राश्ट्रीय स्तर के सर्वश्रेष्ठ कैडेट्स तथा ओलम्पियाड / एशियाड / स्पोर्ट्स अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को बगैर गुणानुक्रम के आगामी शिक्षा सत्र में उन कक्षाओं में सीधे प्रवेश दिया जाए जिनकी उन्हें पात्रता है कि:
(1) इस प्रकार प्रमाण-पत्रों को संचालक, खेल एवं युवक कल्याण छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अभिप्रमाणित किया गया हो एवं
(2) यह सुविधा केवल उन्ही अभ्यार्थियों को मिलेगी जिन्होंने निर्धारित समयावधि के अंतर्गत अपना अभ्यावेदन महाविद्यालय में प्रस्तुत किया है, परन्तु इस प्रकार की सुविधा दूसरी बार प्राप्त करने के लिए उन्हें उपलब्धि पुनः प्राप्त करना आवश्यक होगा।
13.8 प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु स्कूल स्तर के पिछले चार क्रमिक सत्र तक के प्रमाण-पत्र स्नातकोत्तर प्रथम या विधि प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु विगत तीन क्रमिक सत्र तक के प्रमाण-पत्र अधिभार हेतु मान्य किये जायेंगे। स्नातक द्वितीय, तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रवेश हेतु पूर्व सत्र के प्रमाण-पत्र अधिभार हेतु मान्य होंगे।
14. संकाय / विषय / ग्रुप परिवर्तन:
स्नातक/ स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में अहंकारी परीक्षा के संकाय / विषय / ग्रुप परिवर्तन कर प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को उनके प्राप्तांकों से 5 प्रतिशत घटाकर उनका गुणानुक्रम निर्धारित किया जायेगा, अधिभार घंटे हुये प्राप्तांकों पर देय होगा। महाविद्यालय में स्नातक / स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में एक बार प्रवेश लेने के बाद वर्तमान सत्र के दौरान संकाय/ विषय / ग्रुप परिवर्तन की अनुमति महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा 30 सितंबर तक या विलम्ब से मुख्य परीक्षा परिणाम आने पर कंडिका 2.2 में उल्लेखित प्रवेश की अंतिम तिथि से 15 दिनों तक ही दी जायेगी। यह अनुमति उन्हीं विद्यार्थियों को देय होगी जिनके प्राप्तांक संबंधित विषय / संकाय की मूल गुणानुक्रम सूची में अंतिम प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी के समकक्ष या उससे अधिक हो ।
15. शोध छात्र:
शासकीय महाविद्यालयों में पी. एच. डी. के शोध छात्रों को दो वर्ष के लिये प्रवेश दिया जायेगा। पुस्तकालय / प्रायोगिक कार्य अपूर्ण रह जाने की स्थिति में सुपरवाइजर की अनुशंसा पर प्राचार्य इस समयावधि को अधिकतम 4 वर्ष कर सकेंगे। छात्र निर्धारित आवेदन पत्र में आवेदन करेंगे प्रवेश के बाद निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद ही नियमित प्रवेश मान्य किया जावेगा। शोध छात्र के लिये विश्वविद्यालय द्वारा पी. एच डी. निर्देशन हेतु महाविद्यालय में पदस्थ मान्य प्राध्यापक सुपरवाइजर विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों के अंतर्गत ही अपना शोध कार्य संपादन करेंगे। अध्ययन अवकाश लेकर कोई शिक्षक यदि शोध छात्र के रूप में कार्यरत है, तो सक्षम अधिकारी द्वारा प्रेषित उपस्थिति प्रमाण-पत्र एवं प्रति तीन माह की कार्य प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही वेतन आहरण अधिकारी द्वारा शोध शिक्षक का वेतन आहरित किया जावेगा।
महाविद्यालय में पदस्थ प्राध्यापक सुपरवाइजर के अन्यत्र स्थानांतरण हो जाने की स्थिति में शोध छात्र ऐसी संस्था में अपना शोध कार्य चालू रख सकते है जहां से उनका शोध आवेदन पर अग्रेशित किया गया था. शोध कार्य पूर्ण हो जाने के उपरान्त शोध का प्रबंध उसी महाविद्यालयों के प्राचार्य अग्रेशित करेगी। संबंधित विश्वविद्यालय के शोध अध्यादेश के साथ सहपठित करते हुए लागू होगा।
16. विशेष
16.1 जाली प्रमाण-पत्रों, गलत जानकारी, जानबूझकर छिपाये गये प्रतिकूल तथ्यो, प्रशासकीय अथवा कार्यालयीन असावधानीवश यदि किसी आवेदक को प्रवेश मिल गया है, तब ऐसे प्रवेश को निरस्त करने का पूर्ण दायित्व प्राचार्य को होगा।
16.2 प्रवेश लेकर किसी समुचित कारण, पूर्व अनुमति या सूचना के बिना लगातार एक माह या अधिक समय तक अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी को प्रवेश निरस्त करने का अधिकार प्राचार्य को होगा।
16.3 प्रवेश के बाद सत्र के दौरान कंडिका 9.2 एवं 9.3 में वर्णित अनुशासनहीनता के प्रकरणों में लिप्त विद्यार्थी का प्रवेश निरस्त करने अथवाउसे निष्कासित करने का अधिकार प्राचार्य को होगा।
16.4 प्रवेश के बाद सत्र के दौरान विद्यार्थी महाविद्यालय छोड़ देने अथवा उसका प्रवेश निरस्त होने अथवा उसका निष्कासन किये जाने की स्थिति में विद्यार्थी को संरक्षित निधि के अतिरिक्त अन्य कोई शुल्क वापिस नहीं किया जायेगा।
16.5 प्रवेश के मार्गदर्शक सिद्धांतों के स्पश्टीकरण या प्रवेश संबंधी किसी प्रकरण में मार्गदर्शन की आवश्यकता होने पर प्राचार्य प्रकरण में अनिवार्य रूप से स्पष्ट टीप व अभिमत देते हुए स्पष्टीकरण / मार्गदर्शन आयुक्त, उच्च शिक्षा, छत्तीसगढ़, रायपुर से प्राप्त करेंगे, प्रवेश संबंध किसी भी प्रकरण को केवल अग्रेशित लिखकर प्रेशित न किया जाये।
16.6 इन मार्गदर्शक सिद्धांतो ने उल्लेखित प्रावधानों की व्याख्या करने का अधिकार आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग को है। इन मार्गदर्शक सिद्धांतो में समय-समय पर परिवर्तन / संशोधन / निरस / संलग्न का संपूर्ण अधिकार छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय को होगा।
अपर संचालक
उच्च शिक्षा
छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर
टीप: शासन द्वारा वर्ष 2022-23 हेतु इन नियमों में किसी प्रकार का संशोधन होने पर वह लागू होगा।